मुंबई / नई दिल्ली: 1966 में फिल्मी करियर की शुरुआत करने वाले राजेश खन्ना को पहला सुपरस्टार माना जाता है.
राजेश खन्ना ने अपने फिल्म करियर में कुल एक सौ अस्सी फिल्मों में काम किया जिसमें से 106 फिल्में सोलो हीरो वाली थीं.
देश के पहले सुपरस्टार और और अपने फिल्मी करियर में तमाम सुपरहिट फिल्में देने वाले राजेश खन्ना अपने बेफिक्र अंदाज को संजीदा अदाकारी के लिए जाने जाते थे.
पंजाब के अमृतसर में 29 दिसंबर 1942 को जन्मे राजेश खन्ना का असली नाम जतिन खन्ना था लेकिन अपने रिश्तेदार की सलाह पर उन्होंने अपना नाम रख लिया राजेश खन्ना.
राजेश खन्ना की फिल्मों में एंट्री एक टैलेंट शो के जरिये हुई थी. यूनाइटेड प्रोड्यूसर्स और फिल्मफेयर के टैलेंट शो में जीत हासिल के साथ ही राजेश खन्ना को हासिल हुई दो फिल्में- आखिरी खत और राज़.
राजेश खन्ना की पहली फिल्म थी 1966 में आई आखिरी खत. उस दौरान 40वें ऑस्कर अवॉर्ड में भारत की तरफ से जाने वाली फिल्म में आखिरी खत का चुनाव हुआ था, लेकिन राजेश खन्ना की बतौर हीरो पहली फिल्म थी साल 1967 में आई राज.
इन दोनों फिल्मों के बाद राजेश खन्ना की झोली में धड़ाधड़ फिल्में आने लगीं जिनमें बहारों के सपने, अराधना, फिर कटी पतंग, आनंद, हाथी मेरे साथी, बावर्ची, अमर प्रेम, नमक हराम, और रोटी जैसी फिल्में शामिल हैं.
राजेश खन्ना ने 1969 से 1972 के बीच लगातार 15 सुपरहिट फिल्में दीं . उन्नीस सौ उन्हत्तर में आई फिल्म अराधना से आलोचकों ने उन्हें सुपरस्टार कहना शुरू कर दिया.
साल 1991 में राजेश खन्ना ने राजनीति की तरफ रुख किया. इस सुपर स्टार की राजनीति में एंट्री जीत के साथ तो नहीं हुई लेकिन कांग्रेस उम्मीदवार राजेश खन्ना ने राजनीति के मैदान में लालकृष्ण आडवाणी जैसे दिग्गज को कड़ी टक्कर देकर अपना लोहा जरूर मनवा दिया.
बाद में आडवाणी के सीट छोडने पर हुए उपचुनाव में बीजेपी उम्मीदवार और अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा को हराकर काका सांसद बने. बाद में साल 1996 में हुए लोकसभा चुनाव में राजेश खन्ना बीजेपी उम्मीदवार जगमोहन से हार गए और यहीं से उन्होंने सक्रिय राजनीति से सन्यास ले लिया.
आज राजेश खन्ना इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन अपनी अदाकारी और अंदाज के जरिये वो हमेशा अपने चाहने वालों के दिलों जिंदा रहेंगे.
राजेश खन्ना की फिल्मों में एंट्री एक टैलेंट शो के जरिये हुई थी. यूनाइटेड प्रोड्यूसर्स और फिल्मफेयर के टैलेंट शो में जीत हासिल के साथ ही राजेश खन्ना को हासिल हुई दो फिल्में- आखिरी खत और राज़.
राजेश खन्ना की पहली फिल्म थी 1966 में आई आखिरी खत. उस दौरान 40वें ऑस्कर अवॉर्ड में भारत की तरफ से जाने वाली फिल्म में आखिरी खत का चुनाव हुआ था, लेकिन राजेश खन्ना की बतौर हीरो पहली फिल्म थी साल 1967 में आई राज.
इन दोनों फिल्मों के बाद राजेश खन्ना की झोली में धड़ाधड़ फिल्में आने लगीं जिनमें बहारों के सपने, अराधना, फिर कटी पतंग, आनंद, हाथी मेरे साथी, बावर्ची, अमर प्रेम, नमक हराम, और रोटी जैसी फिल्में शामिल हैं.
राजेश खन्ना ने 1969 से 1972 के बीच लगातार 15 सुपरहिट फिल्में दीं . उन्नीस सौ उन्हत्तर में आई फिल्म अराधना से आलोचकों ने उन्हें सुपरस्टार कहना शुरू कर दिया.
साल 1991 में राजेश खन्ना ने राजनीति की तरफ रुख किया. इस सुपर स्टार की राजनीति में एंट्री जीत के साथ तो नहीं हुई लेकिन कांग्रेस उम्मीदवार राजेश खन्ना ने राजनीति के मैदान में लालकृष्ण आडवाणी जैसे दिग्गज को कड़ी टक्कर देकर अपना लोहा जरूर मनवा दिया.
बाद में आडवाणी के सीट छोडने पर हुए उपचुनाव में बीजेपी उम्मीदवार और अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा को हराकर काका सांसद बने. बाद में साल 1996 में हुए लोकसभा चुनाव में राजेश खन्ना बीजेपी उम्मीदवार जगमोहन से हार गए और यहीं से उन्होंने सक्रिय राजनीति से सन्यास ले लिया.
आज राजेश खन्ना इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन अपनी अदाकारी और अंदाज के जरिये वो हमेशा अपने चाहने वालों के दिलों जिंदा रहेंगे.
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