1. जो दिल को अच्छा लगता है वही करो क्योंकि किसी-न-किसी को तो बुरा लगता ही रहेगा. ~ आना एलीयानोर रूजवेल्ट
2. आलोचकों को कुछ अर्थपूर्ण कर्म करना चाहिए. ~ जॉन ग्रिशाम
3. आलोचना से बचने के लिए – कुछ न करें, कुछ न कहें, कुछ न बनें. ~ अलबर्ट हबार्ड
4. उनकी बातें नहीं बल्कि कानाफूसी मायने रखती है. ~ एरोल फ्लिन
5. यदि आलोचना से कुछ फर्क पड़ता तो दुनिया से कमीनापन कब का गायब हो चुका होता. ~ फ्रेड एलेन
6. अपने विरोधियों से भयभीत न हों. याद रखें, पतंग हवा चलने पर ही ऊपर उठती है. ~ हैमिल्टन मैबी
7. गुमनामी के सिवाय आलोचना से बचने का कोई रास्ता नहीं है. ~ जोज़फ़ एडीसन
8. मैं उन्हें (नाटक समीक्षक) बहुत पसंद करता हूँ. यह सोचकर ही मज़ा आता है कि वे हर रात थियेटर जाते हैं जबकि उन्हें नाटक के बारे में कुछ भी नहीं पता. ~ नोल कॉवर्ड
9. एक नन्हीं बरैया किसी भीमकाय घोड़े को काटकर बिदका सकती है पर घोड़े के सामने वह तुच्छ कीड़ा ही तो है! ~ सैमुअल जॉन्सन
10. आलोचकों को रिकॉर्ड्स खरीदने नहीं पड़ते. वे उन्हें मुफ्त ही पाते हैं. ~ नैट किंग कोल
11. आलोचक लम्बे अरसे तक गलत शब्द की खोज करते हैं और दुर्भाग्य से वह उन्हें मिल भी जाता है. ~ पीटर उस्टिनोव
12. मैं ईश्वर की तरह लिखना नहीं चाहता क्योंकि मैं मानता हूं कि ऐसा कोई नहीं कर सकता, जबकि आलोचक यह साबित करते में लगे रहते हैं कि ऐसा कोई नहीं कर सकता. ~ अर्नेस्ट हेमिंग्वे
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