बुधवार, 21 मार्च 2012

बुरे दिन हैं! ये टोटके आजमाएं...

जब दिन-रात मेहनत करने पर भी रूखी-सूखी मिले। चलते उद्योग-व्यापार में अथवा कारोबार में तरक्की की बजाय अवनति होने लगे तब समझ लें कि दुर्भाग्य ने हमारा दामन थाम लिया है। जो भाग्य में लिखा है, वह भोगना ही पडता है, परंतु फिर भी इस प्रभाव को कम तो किया ही जा सकता है। पूजा-पाठ और ईश्वर को याद करने के अलावा भी हिन्दू तन्त्र-शास्त्र और मुस्लिम टोने-टोटकों में अनेक ऎसे उपाय हैं जिनका प्रयोग करके भाग्य के आगे पडे पर्दे को न केवल हटाया जा सकता है बल्कि सौभाग्य को बढाया भी जा सकता है। जब बुरे दिन चल रहे हों तब इस अध्याय में वर्णित टोने-टोटकों, गंडे-तावीजों और यन्त्र-मन्त्रों का प्रयोग अवश्य कीजिए,भगवान की कृपा से आपके बुरे दिन भी अच्छे दिनों में बदल जाएंगे।
ये करें...,दुर्भाग्य टालें

  • कागजों पर छोटे अक्षरों में राम-राम लिखें। अधिक से अधिक संख्या में ये नाम लिखकर सबको अलग-अलग काट लें। अब आटे की छोटी-छोटी गोलियां बनाकर एक-एक कागज उनमें लपेट लें और नदी या तालाब पर जाकर मछलियों और कछुओं को ये गोलियां खिलाएं। पूर्णमासी से पूर्णमासी तक अथवा कम से कम एक मास तक ऎसा करें।
  • कछुओं और मछलियों को नित्य आटे की गोलियां खिलाएं।
  • चीटियों को भुने हुए आटे में बूरा मिलाकर बनाई पंजीरी खिलाएं।
  • शनिवार को एक कटोरी में सरसों का तेल और सिक्का (रूपया-पैसा) डालकर उसमें अपनी परछाई देखें और तेल मांगने वाले को दे दें।
  • यथाशक्ति पूजा-आराधना और दान प्रतिदिन नियमित रूप से करें।
  • बुरे वक्त को शान्ति से काटें। उत्तेजना से बचें और शान्त बने रहने का प्रयास करें।
  • उदास होकर बैठ जाना किसी समस्या का हल नहीं। अपने सभी कार्य नियमित रूप से करें।
आजमाएं ये तांत्रिक टोटका
यह एक बहुत ही शक्तिशाली टोटका है। नीचे चित्र में प्रदर्शित यन्त्र को पर्याप्त बडे ग्यारह सफेद कागजों पर अनार की कलम से केसर और कस्तूरी मिश्रित स्याही से लिखें। धूप-दीप जलाकर अपने उपास्य देव को याद करें और उनसे दुर्भाग्य हटाकर अच्छे दिन देने की प्रार्थना करें। सच्चे दिल से भगवान से प्रार्थना करने के बाद पर्याप्त मात्रा में आटा लेकर गूंध लें। उस आटे की ग्यारह लोइयां बनाकर प्रत्येक में तह करके एक-एक यन्त्र रखें और इस प्रकार गोले बनाएं कि कागज पूरी तरह आटे में छिप जाए। आटे के इन गोलों को किसी नदी में डाल दें। यह कार्य लगातार ग्यारह दिन किया जाता है और वह भी सूर्य छिपने से पहले। शाम को प्रतिदिन एक निश्चित समय पर और सभी से छिपाकर इस टोटके को करने पर इसका प्रभाव और भी बढ जाता है।


सफलता के लिए साधना

यह यन्त्र कृष्णपक्ष की अष्टमी रविवार या चतुर्दशी रविवार को पूर्व दिशा की ओर मुंह कर अनार की कलम और अष्टगंध स्याही से भोजपत्र पर लिखें। फिर यन्त्र को पूजा-स्थल पर स्थापित करके एक हजार की संख्या में प्रतिदिन मन्त्र का जप करें। मन्त्र-जप पूरे 45 दिन तक किया जाता है। मन्त्र का जप करते समय दृष्टि यन्त्र पर ही टिकी रहनी चाहिए। तत्पश्चात् यन्त्र को चांदी या तांबे के तावीज में भरकर, काले धागे की सहायता से भुजा या गले में धारण करें। इस तावीज के प्रभाव से व्यक्ति जीवन के हर क्षेत्र में सफलताएं प्राप्त करता चला जाता है, असफलता उससे कोसों दूर रहती है।
मंत्र :- विपंच्या गायन्ती विविधमपदानं पुर रिपो
स्त्वयारब्धे वक्तु चलितशिरसा साधुवचने
तदीयैर्मा धुर्यैपल पितन्त्री कलरवां
निजां वीणां वाणी निचुलयति चोलेन निभृतम् ।


विघ्न
हटाने का तावीज
इस यन्त्र को सिद्धयोग, दीपावली या होली के दिन अनार की कलम से, अष्टगंध स्याही से भोजपत्र पर लिखकर धूप-दीप, नैवेद्य से पूजन करें। फिर स्वर्ण के तावीज में डालकर, दाहिनी भुजा में काले धागे से बांध लें। यह सर्व प्रकार की विघ्न-बाधाओं को हटा अत्यंत शुभ देने वाला है।


परेशानियां घटाने का तावीज

अगर कोई रोग या शोक हो, यात्रा-व्यापार में व्यवधान आया हो अथवा किसी भी तरह की कोई परेशानी हो, तो उपरोक्त यन्त्र लिखकर बनाया तावीज सभी परेशानियों को हटाने का काम करेगा। चमेली की कलम द्वारा मुश्क, गुलाब और जाफरान से लिखकर इस नक्श को अपने बाजू पर बांध लें। कामयाबी जरूर मिलेगी।


हर कष्ट मिटाए सुलेमानी तावीज


यह एक अत्यंत शक्तिशाली तावीज है, जिसे सुलेमानी तावीज भी कहा जाता है शुद्ध केसर में कस्तूरी घोलकर अनार की कलम से सफेद कागज पर इसे लिखा जाता है। इस प्रकार के दो यन्त्र तैयार करें। लोबान की धूनी देकर एक को धोकर पी लें और दूसरे को कपडें में सीकर दायीं भुजा मे बांध लें। ईश्वर की कृपा से बुरे दिन शीघ्र ही अच्छे दिनों में बदल जाएंगे।


यदि किसी व्यक्ति को किसी भी वजह से कोई परेशानी और मुश्किल पेश आ रही हो (जैसे-कारोबारी मंदी, बेकारी, निर्धनता, मुकदमा, घरेलू झंझट आदि), तो उपरोक्त नक्श को वह गुलाब व जाफरान से शुरू महीने में, मुश्तरी या जोहरा की घडी में लिखें और अपने दाहिने बाजू पर बांध ले। (स्त्री अपने बाएं बाजू पर बांधे)। हर मुश्किल और परेशानी दूर हो जाएगी। घरेलू मुश्किलें समाप्त हो जाएंगी, निर्धनता की जगह सम्पन्नता का मार्ग प्रशस्त होगा तथा मुकदमों एवं विवादों से छुटकारा मिल जाएगा। ध्यान रहे कि नक्श को नहा-धोकर एवं साफ-सुथरे कपडे पहनने के बाद ही लिखें।

तंगी से बचाने वाला तावीज
मुंह-हाथ धोकर, मुश्क और जाफरानी से उपरोक्त नक्श को लिखें तथा तह करके, गंडा बनाकर अपने दाहिने बाजू पर बांध लें। हर तंगी व परेशानी से निजात मिल जाएगी। यह एक चमत्कारिक नक्श है। इसके धारण करने से मात्र कुछ ही दिनों में शुभ फल प्राप्त होने लगता है।


गरीबी दूर करने का गंडा

इस नक्श को जाफरान व गुलाब-जल से लिखकर, मोमजामा कर, भुजा पर धारण करने से व्यक्ति की हर तरह की जरूरत पूरी हो जाती है तथा किसी भी कार्य में कोई अडचन नहीं आती।




उपरोक्त नक्श के स्थान पर निम्न नक्श का प्रयोग भी किया जा सकता है। साधक दोनों में से किसी भी एक का प्रयोग कर सकते हैं, दोनों ही समान रूप से प्रभावशाली हैं। यह नक्श भी जाफरान और गुलाब-अर्क से लिखकर, पॉलीथीन में बंद कर, बाजू पर धारण किया जाता है। यह भी हर जरूरत में काम आने वाला है। हर काम यूं आसान इस नक्श को मुश्तरी या जोहरी की घडी में लिखकर, पॉलीथीन में बंद कर पुरूष अपने दाहिने और स्त्री अपने बाएं हाथ पर बांधे। दिन कितने भी खराब हों, इस नक्श के प्रभाव से किसी भी कार्य में आने वाली मुश्किल और परेशानी दूर हो जाएगी। हर काम आसानी से हल हो जाएगा।


सबसे असरकारी नक्श
इस मुस्लिम ताçन्त्रक यन्त्र के अनेक उपयोग हैं। दुर्भाग्य हटाने और सितारों की गर्दिश दूर करने के लिए तो यह अमोघ अस्त्र है ही, बीमारी और भूत बाधा हटाने में भी बेहद असरकारी है। जिस तरह तिरछे अंक लिखे हैं। उसी प्रकार तिरछे अंक लिखने और विधि-विधान पूर्वक लोबान की धूनी देने से इस नक्श का प्रभाव और भी बढ जाता है।


उपरोक्त नक्श को मुश्क,जाफरान और गुलाब-अर्क से लिखें। अगर नौकरी या व्यवसाय आदि की कोई समस्या हो तो इस नक्श को पॉलीथीन में बंद कर बाजू पर बांध लें और यदि रोगी के लिए प्रयोग किया जाना हो, तो नक्श को कुएं के पानी में धोकर वह पानी रोगी को पिला दें। किसी पर बुरी नजर या ऊपरी हवा का असर हो तो नक्श की बत्ती बनाकर, उसकी धूनी रोगी को दें। हर तरह की परेशानी का हल इस नक्श से सहज ही हो जाता है।
एक बीमार व्यक्ति कितना ही पौष्टिक भोजन और व्यामाम करे वह पहलवान हो ही नहीं सकता। जब शरीर अन्दर से अस्वस्थ होता है तो सब किया-धा व्यर्थ हो जाता है। ठीक यही स्थिति दुर्भाग्यपूर्ण यानी बुरे दिनों की है। जब कोई दुर्भाग्य से पीडित हो तब सौभाग्यवृद्धि के लिए टोना-टोटका अथवा अन्य प्रयास करने के पहले दुर्भाग्यनाशी उपाय पहले कर लें, इसके बाद ही सौभाग्यवर्द्धन और धन प्रापि्त के क्षेत्र में कदम बढाएं। यहां विशेष ध्यान रखने की बात है कि व्यक्ति के बुरे दिनों के कारणों के साथ-साथ बहुधा ग्रहों का दुष्प्रभाव भी होता है। यही कारण है कि बुरे दिन और विपत्तियां आने पर आप इस अध्याय में वर्णित उपायों का प्रयोग करें, ग्रह शान्ति के लिए भी अनुष्ठान करें।

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