शुक्रवार, 20 जुलाई 2012
गुरुवार, 19 जुलाई 2012
जीमेल में खोज सम्बन्धी उपयोगी टिप्स
गूगल की ईमेल सेवा जीमेल एक बेहतरीन वेबमेल सेवा है। इसकी विशेषताओं में बेहतरीन सर्च सुविधा भी शामिल है। अधिकतर लोग इसकी खोज की शक्ति से अपरिचित हैं तथा केवल उसमें कोई शब्द डालकर ही खोजते हैं। वास्तव में कुछ विशिष्ट शब्दों (जिन्हें ‘क्वैरी वर्ड्स’ कहा जाता है) तथा उपयुक्त सिंटैक्स का प्रयोग करके इसमें कई तरह से खोजा जा सकता है। सही तरीका प्रयोग करके हजारों मेल में से वाँछित को चुटकी में खोजा जा सकता है।
जीमेल में सर्च बॉक्स होता है जिसमें नीचे बताये गये सिंटैक्स का प्रयोग करके आप वाँछित मेल खोज सकते हैं। सर्च काफी तेज होती है तथा तत्काल परिणाम मिलते हैं। यदि वाँछित मेल न मिले तो सर्च टर्म में से शब्द कम करके देखें।
ब्लॉगर मीट
यदि आपको वाँछित मेल के विषय की पंक्ति का कुछ अंश याद है तो जल्दी और ज्यादा सार्थक परिणाम मिलेगा। उदाहरण के लिये निम्नलिखित सिंटैक्स द्वारा वे सभी सन्देश खोजे जायेंगे जिनके विषय में ‘एयरपोर्ट’ शब्द रहा हो।
subject:एयरपोर्ट
यदि आपको कोई ऍग्जैक्ट वाक्यांश खोजना हो तो सर्च टर्म सन्दर्भ चिह्नों में दें। उदाहरण के लिये निम्निलिखित सिंटैक्स केवल वही सन्देश खोजेगा जिनमें वाक्यांश ‘कार में एसी’ बिलकुल उसी रूप में आया हो।
"कार में एसी"
यदि आप किन्हीं दो या अधिक शब्दों में से कोई एक शब्द युक्त सन्देश खोजना चाहते हैं तो OR ऑपरेटर या पाइप साइन (|) का प्रयोग करें। उदाहरण के लिये निम्नलिखित सिंटैक्स वे सब सन्देश खोजेगा जिनमें ‘राम’ या ‘श्याम’ शब्द आया हो। ध्यान दें कि OR कैपिटल लैटर्स में ही हो।
राम OR श्याम
यदि आपको ऐसे सन्देश खोजने हों जिनमें एक शब्द तो हो लेकिन दूसरा न हो तो हाइफन ऑपरेटर का प्रयोग करें। उदाहरण के लिये निम्नलिखित सिंटैक्स वो सन्देश दिखायेगा जिनमें ‘खेल’ शब्द तो आया हो लेकिन ‘क्रिकेट’ नहीं।
खेल -क्रिकेट
हाइफन ऑपरेटर का एक बढ़िया उपयोग सर्च परिणामों में से नोटिफिकेशन वाली ईमेल हटाने के लिये किया जा सकता है। उदाहरण के लिये कोई मेल खोजने हेतु जिसमें password शब्द था, पर वह मेल किसी वेबसेवा द्वारा भेजी गयी नोटिफिकेशन न हो।
password –notification
कई बार परिणामों में सर्च टर्म में से कुछ शब्दों को छोड़ दिया जाता है या वे काफी पीछे वाले परिणामों में आते हैं। () ऑपरेटर का प्रयोग किसी सर्च टर्म में शब्दों को अनिवार्य बनाने के लिये किया जाता है ताकि वे छोड़े न जायें। उदाहरण के लिये निम्नलिखित सिंटैक्स वो सन्देश दिखायेगा जिनमें राम और श्याम दोनों शब्द हों।
(राम श्याम)
() ऑपरेटर का प्रयोग शब्दों का समूह बनाने में भी किया जाता है। उदाहरण के लिये निम्नलिखित सिंटैक्स उन सन्देशों को खोजेगा जिनके विषय में आगामी पुस्तक या आगामी पत्रिका शब्द होगा।
subject:आगामी (पुस्तक OR पत्रिका)
from:amuk@gmail.com
यदि भेजने वाला किसी ऐसे ईमेल समूह का सदस्य है जिसके सदस्य आप भी हैं तो परिणामों में उसके द्वारा समूह को भेजे गये सन्देश भी दिखायी देंगे। इसलिये ऐसे सन्देश खोजने के लिये जो श्रीमान अमुक द्वारा किसी समूह को न भेजकर सीधे आपको भेजे गये हों, निम्नलिखित प्रयोग करें।
from:amuk@gmail.com to:me
यदि व्यक्ति द्वारा भेजी गयी मेल में से कोई खास वाली खोजनी हो जिसके विषय या सामग्री का कुछ अंश ध्यान हो तो ईमेल पते के बाद एक स्पेस देकर सर्च टर्म लिखें। उदाहरण के लिये, श्रीमान अमुक द्वारा आपको भेजी गयी मेल खोजने हेतु जिसमें कश्मीर की यात्रा के बारे में कुछ बात की गयी थी,
from:amuk@gmail.com subject:कश्मीर (यदि विषय का अंश ध्यान है)
from:amuk@gmail.com कश्मीर (यदि सामग्री का अंश ध्यान है)
to:amuk@gmail.com
यदि आपके द्वारा भेजी गयी मेल में से कोई खास वाली खोजनी हो जिसके विषय या सामग्री का कुछ अंश ध्यान हो तो ईमेल पते के बाद एक स्पेस देकर सर्च टर्म लिखें। उदाहरण के लिये, आपके द्वारा श्रीमान अमुक को भेजी गयी मेल के लिये जिसमें फोन नं॰ तथा पते के बारे में कुछ बात की गयी हो,
to:amuk@gmail.com subject:फोन पता(यदि विषय का अंश ध्यान है)
from:amuk@gmail.com फोन पता(यदि सामग्री का अंश ध्यान है)
यदि आपको वे मेल खोजनी हैं जिनमें आपने श्रीमान अमुक को cc (कार्बन कॉपी) करके भेजा था तो,
cc:amuk@gmail.com
इसी प्रकार वे मेल खोजने के लिये जिनमें आपने श्रीमान अमुक को bcc (ब्लाइंड कार्बन कॉपी) करके भेजा था,
bcc:amuk@gmail.com
list:technical-hindi@googlegroups.com
समूह को भेजी गयी मेल में से कोई विशेष ढूँढने के लिये ईमेल पते के बाद एक स्पेस देकर सर्च टर्म लिखें। उदाहरण के लिये आपके द्वारा तकनीकी हिन्दी समूह को भेजी गयी कोई ईमेल खोजनी है जिसमें हिन्दी वर्तनी जाँचक का जिक्र है तो,
list:technical-hindi@googlegroups.com subject:वर्तनी जाँचक(यदि विषय का अंश ध्यान है)
list:technical-hindi@googlegroups.com वर्तनी जाँचक(यदि सामग्री का अंश ध्यान है)
चूँकि समूह में कई लोग ईमेल भेजते हैं तो आप समूह के किसी सदस्य द्वारा समूह को भेजी गयी सभी ईमेल भी खोज सकते हैं। उदाहरण के लिये श्रीमान अमुक द्वारा तकनीकी हिन्दी समूह को भेजी गयी सभी ईमेल देखने के लिये,
list:technical-hindi@googlegroups.com from:amuk@gmail.com
माना आपको श्रीमान अमुक द्वारा समूह को भेजी गयी कोई पुरानी मेल खोजनी है जिसमें हिन्दी ओसीआर का जिक्र है तो,
to:technical-hindi@googlegroups.com from:amuk@gmail.com subject:हिन्दी ओसीआर (यदि विषय का अंश ध्यान है)
to:technical-hindi@googlegroups.com from:amuk@gmail.com हिन्दी ओसीआर (यदि सामग्री का अंश ध्यान है)
अटैचमेंट युक्त सभी सन्देश देखने के लिये निम्नलिखित सिंटैक्स प्रयोग करें।
has:attachment
माना आपको श्रीमान अमुक द्वारा भेजी गयी वे मेल खोजनी हैं जिनमें अटैचमेंट थे तो लिखें,
from:amuk@gmail.com has:attachment
यदि आपको अटैचमेंट में भेजी गयी फाइल का नाम याद है तो निम्नलिखित का प्रयोग कर सकते हैं। उदाहरण के लिये Amuk_Biodata.pdf नामक फाइल अटैचमेंट वाली मेल खोजने के लिये,
filename:Amuk_Biodata.pdf
यदि आपको फाइल का नाम याद नहीं केवल फाइल टाइप पता है तो बस वही लिखें। उदाहरण के लिये निम्नलिखित सिंटैक्स से वे सभी सन्देश खोजे जायेंगे जिनके साथ पीडीऍफ फाइल संलग्न हैं।
filename:pdf
कुछ परिस्थितियों में फाइलनेम ऑपरेटर के साथ OR ऑपरेटर उपयोगी हो सकता है। उदाहरण के लिये किसी भी प्रचलित डॉक्यूमेंट फॉर्मेट वाले अटैचमेंट युक्त सन्देशों को खोजने के लिये,
filename:(pdf OR doc OR xls OR ppt) OR docs.google.com OR spreadsheets.google.com
सामान्य रूप से जब आप कुछ खोजते हैं तो जीमेल Spam तथा Trash में नहीं खोजता। निम्नलिखित से हम जीमेल में स्पैम तथा ट्रैश समेत सभी जगह खोज कर सकते हैं। कई बार होता है कि कोई हमें कहता है कि उसने हमें एक मेल भेजी लेकिन हमें वह दिखती नहीं तो यह सुनिश्चित करने के लिये कि वह हमारे पास पहुँच ही गयी है, हम इसका प्रयोग कर सकते हैं।
in:anywhere
इनबॉक्स में खोजने के लिये,
in:inbox
भेजी गयी मेल में खोजने के लिये,
in:sent
ड्राफ्ट में खोजने के लिये,
in:draft
ट्रैश में देखने के लिये निम्नलिखित सिंटैक्स है। जैसा कि आप जानते होंगे कि किसी मेल को डिलीट करने पर वह ट्रैश में चली जाती है तथा कुछ निश्चित समय बाद ट्रैश को खाली कर दिया जाता है। माना हम देखना चाहते हैं कि वाँछित मेल गलती से डिलीट होकर ट्रैश में तो नहीं चली गयी तो यह प्रयोग करें।
in:trash
स्पैम में देखने के लिये निम्नलिखित सिंटैक्स है। माना किसी ने हमें मेल भेजी और हमारे इनबॉक्स में नहीं दिख रही तो हम चैक कर सकते हैं कि कहीं वह गलती से स्पैम में तो नहीं चली गयी।
in:spam
यदि आप जीमेल में लेबलों का प्रयोग करते हैं तो निम्नलिखित सिंटैक्स का प्रयोग करके लेबल विशेष वाली सभी मेल देखी जा सकती हैं। यदि आपको पता है कि वाँछित मेल किस लेबल में थी तो इससे जल्दी मिल जायेगी। इसके अतिरिक्त लेबल में खोज के लिये in ऑपरेटर का भी प्रयोग किया जा सकता है। उदाहरण के लिये official लेबल वाली सभी मेल देखने के लिये,
label:official
is:chat
अब तक आप अनुमान लगा ही चुके होंगे कि श्रीमान अमुक के साथ कै चैट वार्तालापों को देखने के लिये मुझे क्या करना होगा।
is:chat from:amuk@gmail.com
सभी अपठित मेल को निम्नलिखित सिंटैक्स द्वारा देखा जा सकता है। माना आपके इनबॉक्स में बीच-बीच में कई अपठित ईमेल पड़ी हैं तो इससे वे सब इकट्ठे देखी जा सकती हैं।
is:unread
यदि आपको सभी पढ़ी गयी मेल में खोजना हो तो यह प्रयोग करें,
is:read
सभी तारांकित (स्टार) की गयी मेल में खोजना हो तो,
is:starred
समय विशेष द्वारा खोज
किसी समय विशेष के बाद के सन्देश खोजने हों तो निम्नलिखित सिंटैक्स प्रयोग करें। दिनांक का प्रारूप (फॉर्मेट) YYYY/MM/DD के रूप में हो। उदाहरण के लिये ५ अगस्त २०११ के बाद के सन्देश खोजने हेतु,
after:2011/08/05
किसी समय विशेष से पहले के सन्देश खोजने हों तो निम्नलिखित सिंटैक्स प्रयोग करें। उदाहरण के लिये १ फरवरी २०१२ से पहले के सन्देश खोजने हेतु,
before:2012/02/01
इन दोनों के संयुक्त प्रयोग से किसी काल विशेष के दौरान के सन्देश खोजे जा सकते हैं। उदाहरण के लिये फरवरी २०१२ से लेकर जुलाई २०१२ के बीच के सन्देश खोजने हेतु,
after:2012/02/01 before:2012/07/31
एक मेल खोजनी है जो श्रीमान अमुक द्वारा आपको भेजी गयी थी, उसमें अटैचमेंट थी (एक फोटो) तथा उसके विषय में ‘फोटो’ शब्द शामिल था, आपको यह भी सन्देह है कि वह शायद स्पैम या ट्रैश में चली गयी हो तो निम्नलिखित सिंटैक्स बनेगा।
from:amuk@gmail.com has:attachment subject:फोटो in:anywhere
अब हम खोजने जा रहे हैं श्रीमान अमुक द्वारा तकनीकी हिन्दी समूह को भेजी गयी मेल जिसे आप पढ़ चुके हैं, आपने उसे तारांकित किया था तथा उसमें ‘संस्कृत ओसीआर’ के बारे में कुछ कहा गया था।
list:technical-hindi@googlegroups.com from:amuk@gmail.com is:read is:starred "संस्कृत ओसीआर"

इसे क्लिक करने पर नीचे दिखाया गया उन्नत सर्च बॉक्स आ जाता है जिसमें अधिकतर उपयोगी उन्नत सर्च विकल्प मौजूद हैं।

इस प्रकार इसके उपयोग से विभिन्न खाने भरकर आप बिना सिंटैक्स याद रखे भी उन्नत खोज कर सकते हैं।
इसके अतिरिक्त यदि आप जीमेल में फिल्टरों का उपयोग करने की आदत डालें तो आप अपनी मेल को बेहतर तरीके से व्यवस्थित कर पायेंगे तथा कोई भी सन्देश कभी भी आसानी से खोज पायेंगे। फिल्टरों के बारे में फिर कभी लिखूँगा।
इस प्रकार आपने देखा कि जीमेल में खोज सम्बन्धी इन टिप्स का उपयोग करके हम पुरानी से पुरानी ईमेल को पलक झपकते खोज सकते हैं। मैंने कोशिश की है कि लगभग सभी चीजें शामिल हो गयी हों। यदि आप इनके अतिरिक्त कोई और टिप जानते हैं तो टिप्पणियों में बतायें।
जीमेल में सर्च बॉक्स होता है जिसमें नीचे बताये गये सिंटैक्स का प्रयोग करके आप वाँछित मेल खोज सकते हैं। सर्च काफी तेज होती है तथा तत्काल परिणाम मिलते हैं। यदि वाँछित मेल न मिले तो सर्च टर्म में से शब्द कम करके देखें।
किसी भी सर्च टर्म युक्त मेल खोजना
सबसे पहले तो सबसे सामान्य खोज। यदि कोई पुरानी मेल खोजनी हो जिसकी सामग्री का बस कुछ अंश याद हो तो बस सर्च बॉक्स में वह/वे शब्द डालकर खोजें। उदाहरण के लिये वे सभी सन्देश खोजने हेतु जिनमें ‘ब्लॉगर मीट’ शब्द आया हो,ब्लॉगर मीट
यदि आपको वाँछित मेल के विषय की पंक्ति का कुछ अंश याद है तो जल्दी और ज्यादा सार्थक परिणाम मिलेगा। उदाहरण के लिये निम्नलिखित सिंटैक्स द्वारा वे सभी सन्देश खोजे जायेंगे जिनके विषय में ‘एयरपोर्ट’ शब्द रहा हो।
subject:एयरपोर्ट
यदि आपको कोई ऍग्जैक्ट वाक्यांश खोजना हो तो सर्च टर्म सन्दर्भ चिह्नों में दें। उदाहरण के लिये निम्निलिखित सिंटैक्स केवल वही सन्देश खोजेगा जिनमें वाक्यांश ‘कार में एसी’ बिलकुल उसी रूप में आया हो।
"कार में एसी"
यदि आप किन्हीं दो या अधिक शब्दों में से कोई एक शब्द युक्त सन्देश खोजना चाहते हैं तो OR ऑपरेटर या पाइप साइन (|) का प्रयोग करें। उदाहरण के लिये निम्नलिखित सिंटैक्स वे सब सन्देश खोजेगा जिनमें ‘राम’ या ‘श्याम’ शब्द आया हो। ध्यान दें कि OR कैपिटल लैटर्स में ही हो।
राम OR श्याम
यदि आपको ऐसे सन्देश खोजने हों जिनमें एक शब्द तो हो लेकिन दूसरा न हो तो हाइफन ऑपरेटर का प्रयोग करें। उदाहरण के लिये निम्नलिखित सिंटैक्स वो सन्देश दिखायेगा जिनमें ‘खेल’ शब्द तो आया हो लेकिन ‘क्रिकेट’ नहीं।
खेल -क्रिकेट
हाइफन ऑपरेटर का एक बढ़िया उपयोग सर्च परिणामों में से नोटिफिकेशन वाली ईमेल हटाने के लिये किया जा सकता है। उदाहरण के लिये कोई मेल खोजने हेतु जिसमें password शब्द था, पर वह मेल किसी वेबसेवा द्वारा भेजी गयी नोटिफिकेशन न हो।
password –notification
कई बार परिणामों में सर्च टर्म में से कुछ शब्दों को छोड़ दिया जाता है या वे काफी पीछे वाले परिणामों में आते हैं। () ऑपरेटर का प्रयोग किसी सर्च टर्म में शब्दों को अनिवार्य बनाने के लिये किया जाता है ताकि वे छोड़े न जायें। उदाहरण के लिये निम्नलिखित सिंटैक्स वो सन्देश दिखायेगा जिनमें राम और श्याम दोनों शब्द हों।
(राम श्याम)
() ऑपरेटर का प्रयोग शब्दों का समूह बनाने में भी किया जाता है। उदाहरण के लिये निम्नलिखित सिंटैक्स उन सन्देशों को खोजेगा जिनके विषय में आगामी पुस्तक या आगामी पत्रिका शब्द होगा।
subject:आगामी (पुस्तक OR पत्रिका)
किसी व्यक्ति द्वारा आपको भेजी गयी मेल
from ऑपरेटर के साथ उस व्यक्ति का ईमेल पता लिखें। उदाहरण के लिये, श्रीमान अमुक (जिनका ईमेल amuk@gmail.com है) द्वारा आपको भेजी गयी सभी ईमेल खोजने के लिये,from:amuk@gmail.com
यदि भेजने वाला किसी ऐसे ईमेल समूह का सदस्य है जिसके सदस्य आप भी हैं तो परिणामों में उसके द्वारा समूह को भेजे गये सन्देश भी दिखायी देंगे। इसलिये ऐसे सन्देश खोजने के लिये जो श्रीमान अमुक द्वारा किसी समूह को न भेजकर सीधे आपको भेजे गये हों, निम्नलिखित प्रयोग करें।
from:amuk@gmail.com to:me
यदि व्यक्ति द्वारा भेजी गयी मेल में से कोई खास वाली खोजनी हो जिसके विषय या सामग्री का कुछ अंश ध्यान हो तो ईमेल पते के बाद एक स्पेस देकर सर्च टर्म लिखें। उदाहरण के लिये, श्रीमान अमुक द्वारा आपको भेजी गयी मेल खोजने हेतु जिसमें कश्मीर की यात्रा के बारे में कुछ बात की गयी थी,
from:amuk@gmail.com subject:कश्मीर (यदि विषय का अंश ध्यान है)
from:amuk@gmail.com कश्मीर (यदि सामग्री का अंश ध्यान है)
आपके द्वारा किसी व्यक्ति को भेजी गयी मेल
to ऑपरेटर के साथ उस व्यक्ति का ईमेल पता लिखें। उदाहरण के लिये आपके द्वारा श्रीमान अमुक को भेजी गयी सभी ईमेल देखने के लिये,to:amuk@gmail.com
यदि आपके द्वारा भेजी गयी मेल में से कोई खास वाली खोजनी हो जिसके विषय या सामग्री का कुछ अंश ध्यान हो तो ईमेल पते के बाद एक स्पेस देकर सर्च टर्म लिखें। उदाहरण के लिये, आपके द्वारा श्रीमान अमुक को भेजी गयी मेल के लिये जिसमें फोन नं॰ तथा पते के बारे में कुछ बात की गयी हो,
to:amuk@gmail.com subject:फोन पता(यदि विषय का अंश ध्यान है)
from:amuk@gmail.com फोन पता(यदि सामग्री का अंश ध्यान है)
यदि आपको वे मेल खोजनी हैं जिनमें आपने श्रीमान अमुक को cc (कार्बन कॉपी) करके भेजा था तो,
cc:amuk@gmail.com
इसी प्रकार वे मेल खोजने के लिये जिनमें आपने श्रीमान अमुक को bcc (ब्लाइंड कार्बन कॉपी) करके भेजा था,
bcc:amuk@gmail.com
किसी समूह को भेजी गयी मेल
किसी ईमेल समूह (डाक सूची या मेलिंग लिस्ट) को भेजी गयी सभी ईमेल देखने के लिये list ऑपरेटर के साथ समूह का ईमेल पता लिखें। उदाहरण के लिये तकनीकी हिन्दी समूह की सभी मेल देखने के लिये,list:technical-hindi@googlegroups.com
समूह को भेजी गयी मेल में से कोई विशेष ढूँढने के लिये ईमेल पते के बाद एक स्पेस देकर सर्च टर्म लिखें। उदाहरण के लिये आपके द्वारा तकनीकी हिन्दी समूह को भेजी गयी कोई ईमेल खोजनी है जिसमें हिन्दी वर्तनी जाँचक का जिक्र है तो,
list:technical-hindi@googlegroups.com subject:वर्तनी जाँचक(यदि विषय का अंश ध्यान है)
list:technical-hindi@googlegroups.com वर्तनी जाँचक(यदि सामग्री का अंश ध्यान है)
चूँकि समूह में कई लोग ईमेल भेजते हैं तो आप समूह के किसी सदस्य द्वारा समूह को भेजी गयी सभी ईमेल भी खोज सकते हैं। उदाहरण के लिये श्रीमान अमुक द्वारा तकनीकी हिन्दी समूह को भेजी गयी सभी ईमेल देखने के लिये,
list:technical-hindi@googlegroups.com from:amuk@gmail.com
माना आपको श्रीमान अमुक द्वारा समूह को भेजी गयी कोई पुरानी मेल खोजनी है जिसमें हिन्दी ओसीआर का जिक्र है तो,
to:technical-hindi@googlegroups.com from:amuk@gmail.com subject:हिन्दी ओसीआर (यदि विषय का अंश ध्यान है)
to:technical-hindi@googlegroups.com from:amuk@gmail.com हिन्दी ओसीआर (यदि सामग्री का अंश ध्यान है)
अटैचमेंट युक्त मेल
अटैचमेंट युक्त सभी सन्देश देखने के लिये निम्नलिखित सिंटैक्स प्रयोग करें।has:attachment
माना आपको श्रीमान अमुक द्वारा भेजी गयी वे मेल खोजनी हैं जिनमें अटैचमेंट थे तो लिखें,
from:amuk@gmail.com has:attachment
यदि आपको अटैचमेंट में भेजी गयी फाइल का नाम याद है तो निम्नलिखित का प्रयोग कर सकते हैं। उदाहरण के लिये Amuk_Biodata.pdf नामक फाइल अटैचमेंट वाली मेल खोजने के लिये,
filename:Amuk_Biodata.pdf
यदि आपको फाइल का नाम याद नहीं केवल फाइल टाइप पता है तो बस वही लिखें। उदाहरण के लिये निम्नलिखित सिंटैक्स से वे सभी सन्देश खोजे जायेंगे जिनके साथ पीडीऍफ फाइल संलग्न हैं।
filename:pdf
कुछ परिस्थितियों में फाइलनेम ऑपरेटर के साथ OR ऑपरेटर उपयोगी हो सकता है। उदाहरण के लिये किसी भी प्रचलित डॉक्यूमेंट फॉर्मेट वाले अटैचमेंट युक्त सन्देशों को खोजने के लिये,
filename:(pdf OR doc OR xls OR ppt) OR docs.google.com OR spreadsheets.google.com
स्थान विशेष द्वारा खोज
in ऑपरेटर का प्रयोग करके हम जीमेल में किसी स्थान विशेष जैसे इनबॉक्स, ट्रैश आदि में खोज कर सकते हैं।सामान्य रूप से जब आप कुछ खोजते हैं तो जीमेल Spam तथा Trash में नहीं खोजता। निम्नलिखित से हम जीमेल में स्पैम तथा ट्रैश समेत सभी जगह खोज कर सकते हैं। कई बार होता है कि कोई हमें कहता है कि उसने हमें एक मेल भेजी लेकिन हमें वह दिखती नहीं तो यह सुनिश्चित करने के लिये कि वह हमारे पास पहुँच ही गयी है, हम इसका प्रयोग कर सकते हैं।
in:anywhere
इनबॉक्स में खोजने के लिये,
in:inbox
भेजी गयी मेल में खोजने के लिये,
in:sent
ड्राफ्ट में खोजने के लिये,
in:draft
ट्रैश में देखने के लिये निम्नलिखित सिंटैक्स है। जैसा कि आप जानते होंगे कि किसी मेल को डिलीट करने पर वह ट्रैश में चली जाती है तथा कुछ निश्चित समय बाद ट्रैश को खाली कर दिया जाता है। माना हम देखना चाहते हैं कि वाँछित मेल गलती से डिलीट होकर ट्रैश में तो नहीं चली गयी तो यह प्रयोग करें।
in:trash
स्पैम में देखने के लिये निम्नलिखित सिंटैक्स है। माना किसी ने हमें मेल भेजी और हमारे इनबॉक्स में नहीं दिख रही तो हम चैक कर सकते हैं कि कहीं वह गलती से स्पैम में तो नहीं चली गयी।
in:spam
यदि आप जीमेल में लेबलों का प्रयोग करते हैं तो निम्नलिखित सिंटैक्स का प्रयोग करके लेबल विशेष वाली सभी मेल देखी जा सकती हैं। यदि आपको पता है कि वाँछित मेल किस लेबल में थी तो इससे जल्दी मिल जायेगी। इसके अतिरिक्त लेबल में खोज के लिये in ऑपरेटर का भी प्रयोग किया जा सकता है। उदाहरण के लिये official लेबल वाली सभी मेल देखने के लिये,
label:official
प्रकार विशेष द्वारा खोज
चैट सन्देशों को देखने के लिये निम्नलिखित सिंटैक्स प्रयोग करें।is:chat
अब तक आप अनुमान लगा ही चुके होंगे कि श्रीमान अमुक के साथ कै चैट वार्तालापों को देखने के लिये मुझे क्या करना होगा।
is:chat from:amuk@gmail.com
सभी अपठित मेल को निम्नलिखित सिंटैक्स द्वारा देखा जा सकता है। माना आपके इनबॉक्स में बीच-बीच में कई अपठित ईमेल पड़ी हैं तो इससे वे सब इकट्ठे देखी जा सकती हैं।
is:unread
यदि आपको सभी पढ़ी गयी मेल में खोजना हो तो यह प्रयोग करें,
is:read
सभी तारांकित (स्टार) की गयी मेल में खोजना हो तो,
is:starred
समय विशेष द्वारा खोज
किसी समय विशेष के बाद के सन्देश खोजने हों तो निम्नलिखित सिंटैक्स प्रयोग करें। दिनांक का प्रारूप (फॉर्मेट) YYYY/MM/DD के रूप में हो। उदाहरण के लिये ५ अगस्त २०११ के बाद के सन्देश खोजने हेतु,
after:2011/08/05
किसी समय विशेष से पहले के सन्देश खोजने हों तो निम्नलिखित सिंटैक्स प्रयोग करें। उदाहरण के लिये १ फरवरी २०१२ से पहले के सन्देश खोजने हेतु,
before:2012/02/01
इन दोनों के संयुक्त प्रयोग से किसी काल विशेष के दौरान के सन्देश खोजे जा सकते हैं। उदाहरण के लिये फरवरी २०१२ से लेकर जुलाई २०१२ के बीच के सन्देश खोजने हेतु,
after:2012/02/01 before:2012/07/31
मिश्रित रूप से ऑपरेटरों का प्रयोग
कई बार हम जो सन्देश खोज रहे होते हैं उसके लिये हमें बहुत सारे परिणाम मिल सकते हैं। उनमें से उपयुक्त परिणाम तक पहुँचने के लिये हमें अपने खोज के दायरे को घटाना होगा। इसके लिये हम एकाधिक सर्च ऑपरेटर का प्रयोग कर सकते हैं। हम कुछ उदाहरण लेते हैं।एक मेल खोजनी है जो श्रीमान अमुक द्वारा आपको भेजी गयी थी, उसमें अटैचमेंट थी (एक फोटो) तथा उसके विषय में ‘फोटो’ शब्द शामिल था, आपको यह भी सन्देह है कि वह शायद स्पैम या ट्रैश में चली गयी हो तो निम्नलिखित सिंटैक्स बनेगा।
from:amuk@gmail.com has:attachment subject:फोटो in:anywhere
अब हम खोजने जा रहे हैं श्रीमान अमुक द्वारा तकनीकी हिन्दी समूह को भेजी गयी मेल जिसे आप पढ़ चुके हैं, आपने उसे तारांकित किया था तथा उसमें ‘संस्कृत ओसीआर’ के बारे में कुछ कहा गया था।
list:technical-hindi@googlegroups.com from:amuk@gmail.com is:read is:starred "संस्कृत ओसीआर"
उन्नत सर्च बॉक्स
वैसे तो उपर्युक्त सभी सिंटैक्स काफी सरल हैं तथा एक-दो बार उपयोग से ही याद हो जायेंगे। फिर भी यदि आपको इन्हें याद रखना मुश्किल लगे तो जीमेल आपकी सहायता के लिये हाजिर है। सर्च बॉक्स की दायीं ओर एक छोटा ड्रॉप डाउन ऍरो होता है – Show Search Options
इसे क्लिक करने पर नीचे दिखाया गया उन्नत सर्च बॉक्स आ जाता है जिसमें अधिकतर उपयोगी उन्नत सर्च विकल्प मौजूद हैं।

इस प्रकार इसके उपयोग से विभिन्न खाने भरकर आप बिना सिंटैक्स याद रखे भी उन्नत खोज कर सकते हैं।
इसके अतिरिक्त यदि आप जीमेल में फिल्टरों का उपयोग करने की आदत डालें तो आप अपनी मेल को बेहतर तरीके से व्यवस्थित कर पायेंगे तथा कोई भी सन्देश कभी भी आसानी से खोज पायेंगे। फिल्टरों के बारे में फिर कभी लिखूँगा।
इस प्रकार आपने देखा कि जीमेल में खोज सम्बन्धी इन टिप्स का उपयोग करके हम पुरानी से पुरानी ईमेल को पलक झपकते खोज सकते हैं। मैंने कोशिश की है कि लगभग सभी चीजें शामिल हो गयी हों। यदि आप इनके अतिरिक्त कोई और टिप जानते हैं तो टिप्पणियों में बतायें।
utkarsh-shukla.blogspot.com
आनंद मरा नहीं… आनंद मरते नहीं-1

फ़िल्म "आनंद" में राजेश खन्ना
हिन्दी सिनेमा के पहले सुपरस्टार माने जाने वाले राजेश खन्ना का आज 69 वर्ष की आयु में देहांत हो गया… खबर पढ़ते ही मैंने यह लेख लिखना शुरु कर दिया। राजेश खन्ना को मैं अपने श्रद्धासुमन “आनंद” पर इस लेख के ज़रिए अर्पित कर रहा हूँ। राजेश खन्ना ने ही फ़िल्म में आनंद के आशा और उत्साह से भरे चरित्र को अमर किया था।
“लिम्फ़ोसार्कोमा ऑफ़ द इंटेस्टाइन… वाह, वाह… क्या बात है, क्या नाम है! ऐसा लगता है जैसे किसी वॉयसराय का नाम हो! बीमारी हो तो ऐसी हो नहीं तो नहीं हो!” … आनंद फ़िल्म के कई मशहूर संवादों में से एक यह भी था। यह संवाद आनंद की जिजिविषा को दर्शाता है और उसे दर्शकों के समक्ष एक ऐसे व्यक्ति के रूप में प्रस्तुत करता है जिसके लिए “मुश्किल” नामक किसी शब्द का कोई अस्तित्व ही नहीं है। वह हर ग़म में, हर दर्द में मुस्कुराना जानता है।
आंतो के कैंसर से पीड़ित होने के बावज़ूद जीवन को भरपूर जीने की इच्छा आनंद के चरित्र का मूलाधार है। उसे मालूम है कि इस दुनिया में उसके गिने-चुने दिन शेष हैं (वैसे हममें से किसे यह मालूम नहीं होता?) इसलिए वह अपने हर क्षण का भरपूर उपयोग लोगों के बीच खुशियाँ बांटने में करना चाहता है (सत्य जानने के बावज़ूद हममें से कितने लोग आनंद की इस फ़िलॉसफ़ी को अपना पाते हैं?)
यह फ़िल्म हमें सोचने और महसूसने के लिए बहुत कुछ देती है। फ़िल्म के खत्म होते-होते हमारी भावनाओं की ज़मीन पर अनगिनत विचारों के अंकुरों की फसल तैयार हो चुकी होती है जिसे हम आने वाले कई दिन तक सींचते या काटते रहते हैं। मैंने जब भी इस फ़िल्म को देखा तो हर बार सोचा है कि क्या जिस आनंद को हम फ़िल्म में देखते हैं वह वैसा इसलिए है क्योंकि उसे मालूम है कि वह कुछ ही दिन में इस जहाँ से चला जाएगा। फ़िल्म में आनंद के बीमारी होने से पहले का एक सीन है –जिसमें उसे अपनी प्रेमिका से बात करते दिखाया जाता है। मेरे ख्याल में बीमारी से पूर्व आनंद के मन में भी सैंकड़ो ख़्वाब होंगे। शादी, बच्चे, घर, करियर इत्यादि… लेकिन बीमारी के बाद के जिस आनंद को हम जानते हैं उसके मन में केवल एक ख्वाब है: दुनिया को कुछ देकर जाने का ख्वाब। आनंद के पास देने के लिए खुशी और उम्मीद के अलावा और कुछ नहीं है –सो वह वही बांटता है जो उसके पास है। यह भी ध्यान देने योग्य है कि खुशी और उम्मीद स्वयं आनंद के जीवन में कोई मायने नहीं रखती। खुशियाँ उसकी समाप्त हो चुकी हैं और मौत की स्पष्ट आहट ने उम्मीद को भी मार दिया है। इसलिए वह दूसरों को खुशी और उम्मीद देकर अपना जीवन जीता है। आनंद की संवेदनशीलता इस संवाद में बखूबी झलकती है: “तुझे क्या आशीर्वाद दूं बहन? ये भी तो नहीं कह सकता कि मेरी उम्र तुझे लग जाए”
आनंद के चरित्र की इन विशेषताओं को अपनाना कोई मुश्किल काम नहीं है लेकिन फिर भी कोई विरला इंसान ही ऐसा कर पाता है। यह एक लोकप्रिय प्रश्न है कि यदि आपको यह पता चल जाए कि आपके जीवन में बस पाँच मिनट ही शेष बचे हैं तो आप इन पाँच मिनट में क्या करेंगे? इस प्रश्न के उत्तर में आप जिन भी चीज़ों को करने के बारे में सोचते हैं –दरअसल वही चीज़ें आपके जीवन में सबसे महत्त्वपूर्ण होती हैं। हमारे जीवन में सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण क्या है –यह जानना कितना आसान है ना! लेकिन फिर भी हम अपना अधिकांश जीवन उन चीज़ों को करते हुए बिताते हैं जो हमारे लिए उतनी महत्त्वपूर्ण नहीं हैं। कैसी विडम्बना है! शायद इसी का नाम माया है जो हमारी बुद्धि पर पर्दा डाले रहती है।
आनंद फ़िल्म में “मुरारीलाल” का चरित्र भी बहुत रोचक है। मुरारीलाल कोई भी हो सकता है, हर कोई हो सकता है और वो आपको कहीं भी मिल सकता है। मुरारीलाल धर्म, रंग-रूप, उम्र, लिंग, देश इत्यादि के बंधनो से परे होता है। अपने-अपने मुरारीलाल को खोजना हम सबके लिए बहुत ज़रूरी है क्योंकि वह “सच्चा मित्र” नामक उस प्रजाति का प्रतिनिधि है जो आज की दुनिया से लुप्त होती जा रही है। आनंद को उसका “मुरारीलाल” ईसा भाई सूरतवाला (जॉनी वाकर) के रूप में मिला। कुछ ही पलों में आनंद ने एक अजनबी में सच्चा मित्र पा लिया।
डॉक्टर भास्कर बैनर्जी (अमिताभ बच्चन) का चरित्र फ़िल्म की शुरुआत से लेकर आखिर तक एक बड़े बदलाव से गुज़रता है। ज़िन्दगी की कड़वी सच्चाईयों से हताश और कुछ हद तक पत्थर हो चुका भास्कर बैनर्जी आनंद के निर्मल मन की कोमलता से बच नहीं पाता और आखिरी सीन में आनंद की मौत पर एक बच्चे की तरह रोता पाया जाता है। आनंद की देह मर गई; लेकिन जाने से पहले उसने स्वयं को कितने ही लोगों के जीवन का हिस्सा बना दिया। इसीलिए भास्कर ने कहा कि:
आनंद मरा नहीं… आनंद मरते नहीं
आनंद फ़िल्म से कुछ और मार्मिक संवाद (मेरी मित्र अनन्या द्वारा भेजे गए)
“मौत तो एक पल है बाबू मोशाय, बाबू मोशाय ज़िन्दगी बड़ी होनी चाहिए, लम्बी नहीं” – आनंद
“एक मरा नहीं और दूसरा मरने के लिए पैदा हो गया” –भास्कर
“मानता हूँ कि ज़िन्दगी की ताक़त मौत से ज़्यादा बड़ी है; लेकिन ये ज़िन्दगी क्या मौत से बदतर नहीं? कॉलेज से डिग्री लेते हुए ज़िन्दगी को बचाने की कसमें खाई थीं; और ऐसा लग रहा है जैसे कदम-कदम पर मौत को ज़िन्दा रखने की कोशिश कर रहा हूँ” –भास्कर
“आप अचानक नाराज़ क्यों हो गए? ओह! समझा। आप मुझसे नहीं, अपने आप से नाराज़ हैं क्योंकि मेरा इलाज नहीं हो सकता ना इसलिए” – आनंद
“मौत के डर से अगर ज़िन्दा रहना छोड़ दिया तो मौत किसे कहते हैं?” –आनंद
“भगवान से तुम्हारा सुख नहीं, शांति चाहती हूँ” –मैटर्न
“हैरान हूँ कि वो मौत पर हंस रहा था या ज़िन्दगी पर?” –भास्कर
आनंद फ़िल्म से मेरे कुछ और पसंदीदा संवाद
“बाबूमोशाय… ज़िन्दगी और मौत ऊपरवाले के हाथ है जहांपनाह, उसे ना आप बदल सकते हैं और ना मैं। हम सब रंगमंच की कठपुतलियाँ हैं, जिनकी डोर ऊपरवाले की उंगलियों में बंधी है, कब कौन कैसे उठेगा… कोई नहीं बता सकता” –आनंद
“ऐ बाबूमोशाय! ऐतो भालो बाशा भालो नाय, इतना प्यार अच्छा नहीं है” – आनंद
“ये तो ज्योतिष विद्या की बात है, मुख को देखकर मन की पुस्तक पढ़ लेते हैं” –आनंद
“बांध के मुझे कोई नहीं रख पाएगा मम्मी! ठीक निकल जाऊंगा!” –आनंद
“भास्कर बस कर! और टालने की कोशिश मत कर!” –आनंद
“अब (भगवान को) मानने को जी चाहता है। आनंद के लिए कुछ भी मानने को जी चाहता है” –भास्कर
“तब तो ऐसे आदमी को छोड़कर भगवान भी नहीं रह सकते” –रेनू
क्या आप जानते हैं
- आरम्भ में हृषिकेश मुखर्जी आनंद का चरित्र निभाने के लिए किशोर कुमार और भास्कर बैनर्जी का चरित्र निभाने के लिए महमूद को लेना चाहते थे। लेकिन एक ग़लतफ़हमी के चलते किशोर कुमार के दरबान ने हृषिकेश मुखर्जी को दरवाज़े से ही लौटा दिया। आहत हृषिकेश दा ने किशोर कुमार के साथ काम ना करने का निर्णय लिया और राजेश खन्ना को आनंद व अमिताभ बच्चन को “बाबू मोशाय” की भूमिका दे दी।
- आनंद का चरित्र राज कपूर से प्रभावित था। राज कपूर हृषिकेश दा को “बाबू मोशाय” कहा करते थे। हृषिकेश दा ने आनंद की कहानी तब लिखी थी जब राज कपूर बहुत बीमार थे और हृषिकेश दा को लगा कि राज कपूर अब नहीं बचेंगे।
- कहा जाता है कि हृषिकेश दा ने पूरी फ़िल्म केवल 28 दिन में शूट कर ली थी।
- हृषिकेश दा ने इस फ़िल्म में संगीत देने के लिए पहले-पहल लता मंगेशकर से बात की थी; लेकिन लता जी द्वारा मना कर देने पर संगीत निर्देशन का काम सलिल चौधरी को दिया गया। लता ने इस फ़िल्म में एक गीत गाया है।
- हृषिकेश दा ने गुलज़ार साहब को निर्देश दिया था कि फ़िल्म कुछ ऐसे शुरु होनी चाहिए जिससे दर्शकों को शुरु में ही पता लग जाए कि आनंद मर गया है। हृषिकेश दा दर्शकों को इस सस्पेंस में नहीं रखना चाहते थे कि आनंद की मृत्यु हो जाएगी या वह बच जाएगा। इसके बजाए हृषिकेश दा दर्शकों का ध्यान पूरी फ़िल्म में इस बात पर रखना चाहते थे कि आनंद ने अपने जीवन को किस खूबी से जिया।
- हृषिकेश दा “ज़िन्दगी कैसी है पहेली” गीत को फ़िल्म की शुरुआत में आने वाली “श्रेय सूची” के साथ बैकग्राउंड में बजाना चाहते थे। लेकिन राजेश खन्ना को लगा कि इतने सुंदर गीत के साथ यह अन्याय होगा। राजेश खन्ना के सुझाव पर ही हृषिकेश दा ने फ़िल्म में परिस्थिति का निर्माण कर इस गीत को बीच में शामिल किया।
- उस समय संगीतकार सलिल चौधरी और गीतकार योगेश के करियर का सितारा डूबा हुआ था। “आनंद” फ़िल्म के गीतों ने इन दोनों के करियर नया जीवन दिया।
- फ़िल्म आनंद को सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार, सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म का फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार, राजेश खन्ना को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार, अमिताभ बच्चन को सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार मिला। हृषिकेश दा को सर्वश्रेष्ठ कहानीकार व सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म संपादन के फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार प्राप्त हुए
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आनंद मरा नहीं...। आनंद मरते नहीं...।

'बाबू मोशाय, जिंदगी और मौत ऊपर वाले के हाथ है जहांपनाह, जिसे न आप बदल सकते हैं, न मैं। हम सब तो रंगमंच की कठपुतलियां हैं, जिनकी डोर उस ऊपर वाले के हाथों में है। कब, कौन, कैसे उठेगा, यह कोई नहीं जानता...।' हृषिकेश मुखर्जी द्वारा 1971 में निर्मित फिल्म 'आनंद' के इस मशहूर डायलॉग से सिने प्रेमियों पर कई दशकों तक राज करने वाला बॉलीवुड का पहला सुपरस्टार राजेश खन्ना उर्फ काका अब हमारे बीच नहीं रहे। आज दोपहर मुंबई स्थित निवास में उनका निधन हो गया। काका काफी दिनों से बीमार चल रहे थे। राजेश खन्ना के रूप में हिंदी सिनेमा को पहला ऐसा सुपरस्टार मिला था जिसका जादू सिर चढ़कर बोलता था। फिल्म आनंद इस संदेश के साथ खत्म होती है कि 'आनंद मरा नहीं...। आनंद मरते नहीं...।'
29 दिसंबर 1942 को अमृतसर में जन्मे जतिन खन्ना बाद में बॉलीवुड में राजेश खन्ना के नाम से मशहूर हुए। परिवार वालों की मर्जी के खिलाफ अभिनय को बतौर करियर चुनने वाले राजेश खन्ना ने वर्ष 1966 में 24 साल की उम्र में `आखिरी खत` फिल्म से बॉलीवुड में कदम रखा था। बाद में राज, बहारों के सपने और औरत के रूप में उनकी कई फिल्में आई। मगर उन्हें बॉक्स ऑफिस पर कामयाबी नहीं मिल सकी। वर्ष 1969 में फिल्म `आराधना` से राजेश खन्ना ने फिर करियर की उड़ान भरी और देखते ही देखते काका युवा दिलों की धड़कन ही नहीं, बॉलीवुड के सुपरस्टार बन गए। `आराधना` ने राजेश खन्ना की किस्मत के दरवाजे खोल दिए और उसके बाद एक दर्जन से अधिक सुपर-डुपर हिट फिल्में देकर समकालीन तथा अगली पीढ़ी के अभिनेताओं के लिए मील का पत्थर कायम किया। वर्ष 1970 में बनी फिल्म `सच्चा झूठा` के लिए उन्हें पहली बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फिल्मफेयर अवॉर्ड दिया गया।
वर्ष 1971 राजेश खन्ना के लिए सबसे यादगार साल रहा। उस वर्ष उन्होंने कटी पतंग, आनन्द, आन मिलो सजना, महबूब की मेंहदी, हाथी मेरे साथी और अंदाज जैसी कई सुपरहिट फिल्में दीं। दो रास्ते, दुश्मन, बावर्ची, मेरे जीवन साथी, जोरू का गुलाम, अनुराग, दाग, नमक हराम और हमशक्ल के रूप में हिट फिल्मों के जरिए उन्होंने बॉक्स ऑफिस को कई वर्षों तक गुलजार रखा। फिल्म `आनन्द` में उनके सशक्त अभिनय ने एक मिशाल कायम की। एक लाइलाज रोग से पीड़ित शख्स के किरदार को राजेश खन्ना ने एक जिंदादिल इंसान के रूप जीकर कालजयी बना दिया। राजेश को `आनन्द` में यादगार अभिनय के लिए वर्ष 1971 में लगातार दूसरी बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फिल्मफेयर अवॉर्ड दिया गया।
वैसे तो राजेश खन्ना ने कई अभिनेत्रियों के साथ काम किया, लेकिन शर्मिला टैगोर और मुमताज के साथ उनकी जोड़ी ज्यादा लोकप्रिय हुई। उन्होंने शर्मिला के साथ आराधना, सफर, बदनाम, फरिश्ते, छोटी बहू, अमर प्रेम, राजा रानी और आविष्कार में जोड़ी बनाई, जबकि दो रास्ते, बंधन, सच्चा झूठा, दुश्मन, अपना देश, आपकी कसम, रोटी तथा प्रेम कहानी में मुमताज के साथ उनकी जोड़ी बेहद पसंद की गई।
राजेश खन्ना ने वर्ष 1973 में खुद से काफी छोटी नवोदित अभिनेत्री डिम्पल कपाडिया से शादी के बंधन में बंधे और वे दो बेटियों ट्विंकल और रिंकी के माता-पिता बने। दुर्भाग्य से राजेश और डिम्पल का वैवाहिक जीवन अधिक दिनों तक नहीं चल सका और कुछ समय के बाद वे अलग हो गए। राजेश खन्ना के करियर में 80 के दशक के बाद उतार शुरू हो गया। बाद में उन्होंने राजनीति में भी कदम रखा और वर्ष 1991 से 1996 के बीच कांग्रेस से सांसद भी रहे। वर्ष 1994 में उन्होंने `खुदाई` से एक बार फिर अभिनय की नई पारी शुरू की। उसके बाद उनकी कई फिल्में मसलन आ अब लौट चलें (1999), क्या दिल ने कहा (2002), जाना (2006) और वफा आई। इधर लगभग दो महीने से राजेश खन्ना गंभीर रूप से बीमार चल रहे थे। हालांकि इस बुरे वक्त में डिंपल अस्पताल में लगातार उनके साथ थीं।
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वैद्यनाथ धाम के शीर्ष पर है ऐतिहासिक पंचशूल
इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि किसी भी द्वादश ज्योतिर्लिग से अलग यहां के मंदिर के शीर्ष पर 'त्रिशूल' नहीं, बल्कि 'पंचशूल' है. यहां मनोरथ पूर्ण करने वाला कामना द्वादश ज्योतिर्लिंग स्थापित है.
पंचशूल के विषय में धर्म के जानकारों का अलग-अलग मत है. मान्यता है कि यह त्रेता युग में रावण की लंका के बाहर सुरक्षा कवच के रूप में स्थापित था. धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक, भगवान विष्णु ने यहां शिवलिंग स्थापित किया था. उन्होंने एक ग्वाले का भेष धारण कर रावण को यहां रोका, जो कैलाश से शिवलिंग को उठाकर लंका ले जा रहा था. मंदिर के तीर्थ पुरोहित दुर्लभ मिश्रा के अनुसार, "धर्म ग्रंथों में कहा गया है कि रावण को पंचशूल के सुरक्षा कवच को भेदना आता था, जबकि इस कवच को भेदना भगवान राम के भी वश में भी नहीं था. विभीषण द्वारा बताई गई युक्ति के बाद ही राम और उनकी सेना लंका में प्रवेश कर सकी थी."
धर्म के जानकार पंडित सूर्यमणि परिहस्त का कहना है कि पंचशूल का अर्थ काम, क्रोध, लोभ, मोह तथा ईष्र्या जैसे पांच शूलों से मानव का मुक्त होना है, जबकि एक अन्य जानकार के अनुसार, "पंचशूल पंचतत्वों- क्षिति, जल, पावक, गगन तथा समीरा से बने इस शरीर का द्योतक है."
मंदिर के पंडों के मुताबिक, मुख्य मंदिर में स्वर्णकलश के ऊपर स्थापित पंचशूल सहित यहां के सभी 22 मंदिरों में स्थापित पंचशूलों को वर्ष में एक बार शिवरात्रि के दिन मंदिर से नीचे लाया जाता है तथा सभी को एक निश्चित स्थान पर रखकर विशेष पूजा-अर्चना के बाद फिर से वहीं स्थापित कर दिया जाता है. इस पूजा को देखने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं.
ऐसा नहीं कि मंदिर पर चढ़कर कोई भी पंडित या पुजारी पंचशूल को उतार सकता है. पंचशूल को मंदिर से नीचे लाने और ऊपर स्थापित करने के लिए एक ही परिवार के लोगों को मान्यता मिली हुई है और उसी परिवार के सदस्य यह काम करते हैं.
यूं तो यहां वर्षभर भक्तों की भीड़ लगी रहती है, लेकिन सावन के महीने में यहां प्रतिदिन 70 से 80 हजार भक्त बाबा वैद्यनाथ का जलाभिषेक करते हैं. सोमवार को इन भक्तों की संख्या एक लाख को पार कर जाती है. अधिकतर भक्त सुल्तानगंज की उत्तरवाहिणी गंगा से जलभर कर कांवड़ लेकर करीब 105 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर यहां पहुंचते हैं और उसी जल से भगवान का जलाभिषेक करते हैं.
वैद्यनाथ धाम मंदिर के प्रांगण में ऐसे तो विभिन्न देवी-देवताओं के 22 मंदिर हैं. मंदिर के मध्य प्रांगण में भव्य 72 फीट ऊंचा शिव का मंदिर है. इसके अतिरिक्त प्रांगण में अन्य 22 मंदिर स्थापित हैं. मंदिर प्रांगण में एक घंटा, एक चंद्रकूप और मंदिर में प्रवेश के लिए एक विशाल सिंह दरवाजा बना हुआ है.
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टाइम अप हो गया...पैक अप
मुंबई: मुंबई में बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना का अंतिम संस्कार हो गया है. राजेश खन्ना के नाती और टिवंकल-अक्षय कुमार के बेटे आरव ने राजेश खन्ना को मुखाग्नि दी. कल राजेश खन्ना का निधन हुआ था. अमिताभ ने अपने ब्लॉग में लिखा है कि राजेश खन्ना के आखिरी शब्द थे-टाइम हो गया है...पैकअप.
उनकी अंतिम यात्रा में बॉलीवुड और राजनीति जगत की तमाम बड़ी हस्तियां मौजूद थीं. अंतिम यात्रा में बेहद भीड़ उमड़ी थी और इस भीड़ को संभालने के लिए पुलिस को बेहद मशक्कत करनी पड़ी.
राजेश की अंतिम यात्रा उनके बांद्रा स्थित निवास 'आशीर्वाद' से लगभग 10 बजे शुरू हुई. उनके पार्थिव शरीर को पारदर्शी ताबूत में सफेद फूलों से सजे मिनी ट्रक में रखा गया.
अभिनेता की अंतिम यात्रा में उनसे अलग रही पत्नी डिम्पल कपाड़िया, उनकी बेटियां रिंकी और ट्विंकल और उनके दामाद अक्षय कुमार उनके साथ थे. डिम्पल ने अंतिम दिनों में राजेश की खासी देखभाल की थी.
वो 70 साल के थे और पिछले कई महीनों से बीमार थे. सिनेमा के परदे पर हंसते-हंसते मौत को गले लगाने वाला सुपर स्टार असल जिंदगी में हमें छोड़ गया.
भारतीय सिनेमा के पहले सुपर स्टार राजेश खन्ना ने बुधवार की सुबह 11 बजे अपने सपनों के घर आशीर्वाद में अंतिम सांस ली.
राजेश खन्ना को किडनी और लीवर में तकलीफ की शिकायत थी और इसी वजह से वो बार-बार अस्पताल में दाखिल हो रहे थे. दो दिन पहले ही वो अस्पताल से जांच करवाकर घर लौटे थे.
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Aanand marte nahi aanand mara nahi karte
मुंबई / नई दिल्ली: 1966 में फिल्मी करियर की शुरुआत करने वाले राजेश खन्ना को पहला सुपरस्टार माना जाता है.

राजेश खन्ना ने अपने फिल्म करियर में कुल एक सौ अस्सी फिल्मों में काम किया जिसमें से 106 फिल्में सोलो हीरो वाली थीं.
देश के पहले सुपरस्टार और और अपने फिल्मी करियर में तमाम सुपरहिट फिल्में देने वाले राजेश खन्ना अपने बेफिक्र अंदाज को संजीदा अदाकारी के लिए जाने जाते थे.
पंजाब के अमृतसर में 29 दिसंबर 1942 को जन्मे राजेश खन्ना का असली नाम जतिन खन्ना था लेकिन अपने रिश्तेदार की सलाह पर उन्होंने अपना नाम रख लिया राजेश खन्ना.
राजेश खन्ना की फिल्मों में एंट्री एक टैलेंट शो के जरिये हुई थी. यूनाइटेड प्रोड्यूसर्स और फिल्मफेयर के टैलेंट शो में जीत हासिल के साथ ही राजेश खन्ना को हासिल हुई दो फिल्में- आखिरी खत और राज़.
राजेश खन्ना की पहली फिल्म थी 1966 में आई आखिरी खत. उस दौरान 40वें ऑस्कर अवॉर्ड में भारत की तरफ से जाने वाली फिल्म में आखिरी खत का चुनाव हुआ था, लेकिन राजेश खन्ना की बतौर हीरो पहली फिल्म थी साल 1967 में आई राज.
इन दोनों फिल्मों के बाद राजेश खन्ना की झोली में धड़ाधड़ फिल्में आने लगीं जिनमें बहारों के सपने, अराधना, फिर कटी पतंग, आनंद, हाथी मेरे साथी, बावर्ची, अमर प्रेम, नमक हराम, और रोटी जैसी फिल्में शामिल हैं.
राजेश खन्ना ने 1969 से 1972 के बीच लगातार 15 सुपरहिट फिल्में दीं . उन्नीस सौ उन्हत्तर में आई फिल्म अराधना से आलोचकों ने उन्हें सुपरस्टार कहना शुरू कर दिया.
साल 1991 में राजेश खन्ना ने राजनीति की तरफ रुख किया. इस सुपर स्टार की राजनीति में एंट्री जीत के साथ तो नहीं हुई लेकिन कांग्रेस उम्मीदवार राजेश खन्ना ने राजनीति के मैदान में लालकृष्ण आडवाणी जैसे दिग्गज को कड़ी टक्कर देकर अपना लोहा जरूर मनवा दिया.
बाद में आडवाणी के सीट छोडने पर हुए उपचुनाव में बीजेपी उम्मीदवार और अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा को हराकर काका सांसद बने. बाद में साल 1996 में हुए लोकसभा चुनाव में राजेश खन्ना बीजेपी उम्मीदवार जगमोहन से हार गए और यहीं से उन्होंने सक्रिय राजनीति से सन्यास ले लिया.
आज राजेश खन्ना इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन अपनी अदाकारी और अंदाज के जरिये वो हमेशा अपने चाहने वालों के दिलों जिंदा रहेंगे.
राजेश खन्ना की फिल्मों में एंट्री एक टैलेंट शो के जरिये हुई थी. यूनाइटेड प्रोड्यूसर्स और फिल्मफेयर के टैलेंट शो में जीत हासिल के साथ ही राजेश खन्ना को हासिल हुई दो फिल्में- आखिरी खत और राज़.
राजेश खन्ना की पहली फिल्म थी 1966 में आई आखिरी खत. उस दौरान 40वें ऑस्कर अवॉर्ड में भारत की तरफ से जाने वाली फिल्म में आखिरी खत का चुनाव हुआ था, लेकिन राजेश खन्ना की बतौर हीरो पहली फिल्म थी साल 1967 में आई राज.
इन दोनों फिल्मों के बाद राजेश खन्ना की झोली में धड़ाधड़ फिल्में आने लगीं जिनमें बहारों के सपने, अराधना, फिर कटी पतंग, आनंद, हाथी मेरे साथी, बावर्ची, अमर प्रेम, नमक हराम, और रोटी जैसी फिल्में शामिल हैं.
राजेश खन्ना ने 1969 से 1972 के बीच लगातार 15 सुपरहिट फिल्में दीं . उन्नीस सौ उन्हत्तर में आई फिल्म अराधना से आलोचकों ने उन्हें सुपरस्टार कहना शुरू कर दिया.
साल 1991 में राजेश खन्ना ने राजनीति की तरफ रुख किया. इस सुपर स्टार की राजनीति में एंट्री जीत के साथ तो नहीं हुई लेकिन कांग्रेस उम्मीदवार राजेश खन्ना ने राजनीति के मैदान में लालकृष्ण आडवाणी जैसे दिग्गज को कड़ी टक्कर देकर अपना लोहा जरूर मनवा दिया.
बाद में आडवाणी के सीट छोडने पर हुए उपचुनाव में बीजेपी उम्मीदवार और अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा को हराकर काका सांसद बने. बाद में साल 1996 में हुए लोकसभा चुनाव में राजेश खन्ना बीजेपी उम्मीदवार जगमोहन से हार गए और यहीं से उन्होंने सक्रिय राजनीति से सन्यास ले लिया.
आज राजेश खन्ना इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन अपनी अदाकारी और अंदाज के जरिये वो हमेशा अपने चाहने वालों के दिलों जिंदा रहेंगे.

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